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अध्याय : 1 हमारे आस पास के प्रदाथ॔

अध्याय : 1 हमारे आस पास के प्रदाथ॔
(By: Ghanshyam kr. chaudhary)


प्रदाथ॔:  कोई भी वस्तु जो स्थान घेरती हो एंव जिसका एक निश्चित द्रव्यमान/आयतन/घनत्व हो प्रदाथ॔ कहलाता है।
प्रदाथ॔ के भौतिक प्रकार:
भौतिक रूप से प्रदाथ॔ पाँच प्रकार के होते है:
1: ठोस
2: द्रव्य
3:गैस
4:प्लाज्मा
5: बोस आइन्स्टाइन कण्डनसेट
(मुख्य रूप से प्रदाथ॔ तीन प्रकार के होते है: ठोस, द्रव्य, गैस )
            ठोस:
  • निश्चित आकार।
  • निश्चित आयतन/द्रव्यमान।
  • कोई बहाव गुण नही।
  • कण अंत्यत पास पास होते है।
  • संपीडन नगन्य होती है।
       उदा: ईट, सोना, चादी आदि।
           
              द्रव्यः
  • कोई निश्चित आकार नही।
  • निश्चित आयतन।
  • कोई बहाव गुण पाया जाता है।
  • कणो के बीच रिक्त स्थान पाई जाती है।
  • संपीडन मध्यम होती है।
         उदा: तेल, जल, आदि।
             
                 गैसः
  • कोई निश्चित आकार नही।
  • कोई निश्चित आयतन नही।
  • बहाव गुण अधिक पाई जाती है।
  • कणो के बीच रिक्त स्थान अत्याधिक होती है।
  • संपीडन अधिक होती है।
    उदा: नाइट्रोजन, आक्सीजन,वायू, आदि।

प्रश्न:1 प्रदाथ॔ के कणो की अभिलक्ष्णिक गुण( भोतिक गुण) समझाइए?
उत्तरः  प्रदाथ॔ के कणो की अभिलक्ष्णिक गुण( भोतिक गुण) निम्नलिखित है:
  • प्रदाथ॔ के कणो के बीच रिक्त स्थान होता है।
  •  प्रदाथ॔ के कण निरंतर गतिशील होते है तथा इनके पास गतिज ऊजा पाइ जाती है।
  • प्रदाथ॔ के कण एक दूसरे को आकृषित करते है ( कणो के बीच आकृष॔ण बल पाया जाता है।
   प्रश्रः2 निम्न को प्रदाथ॔ के बढते क्रम मे सुयोजित या व्यवस्थित करे?
(ठोस, द्रव्य, गैस)
उत्तर:प्रदाथ॔ को उनके कणो के बढते रूप मे निम्न रूप से सुयोजित किया जाता है:
ठोस     <    द्रव्य    <     गैस
                               (सबसे कम)    (मध्यम)    (सबसे अधिक)
  प्रश्रः3 प्रदाथ॔ के कणो को उनके बीच बढते हुए आकष॔ण बल के रूप मे                      सुयोजित कीजिऐ?
  उत्तर: प्रदाथ॔ के कणो के बीच आकष॔ण बल सबसे अधिक ठोस(अत्याधिक), द्रव्य               अवस्था मे मध्यम और गैसीय अवस्था मे सबसे कम होता है।

ठोस     >     द्रव्य    >       गैस
                            (सबसे अधिक)   (मध्यम)     (सबसे कम)
  प्रश्र:4 बताइए ठोस का आकार व द्रव्यमान क्यो निश्चित होता है?
   उत्तर: क्योकि ठोस अवस्था मे प्रदाथ॔ के कणो की गतिज उजा सबसे कम होती है               जिस कारण ठोस का आकार व द्रव्यमान निश्चित होता है।

   प्रश्रः5 गतिज ऊजा के अनुसार प्रदाथ॔ के कणो को उनके बढते हुए क्रम मे                   सुयोजित  कीजिए?
उत्तरःप्रदाथ॔ के कणो को उनके बीच बढते हुए गतिज ऊजा के रूप मे
                                गैस         >    द्रव्य      >    ठोस
                         (सबसे अधिक)   (मध्यम)     (सबसे कम)
प्रश्रः6 हमारे आस पास पदाथ॔ किन किन अवस्थाओ  मे पाई जाती है?
उत्तर:भौतिक रूप से हमारे आस पास पदाथ॔ निम्न  रूप मे पाई जाती है:
  • ठोस अवस्था
  •  द्रव्य अवस्थ
  • गैसीय अवस्था 
 प्रश्र:7 गैस के कण दबाव कैसे बनाती(डालती) है?
उत्तर: गैसीय अवस्था मे गैस के कणो के बीच सबसे अधिक गतिज ऊजा होती है, जिस कारण ये तेजी से गति करती हैऔर इसी कारणकण आपस मे और बत॔न के दीवारो से टकराते है। बत॔न के दीवारो पर गैस के कणो द्रारा प्रति इकाई झेत्र पर लगे बल के कारण गैस का दबाव बनता हैऔर वह दबाव डालती है।

गलनांक:
जिस तापमान पर(वायुमंडलीय दाब पर) कोई ठोस पिघलकर द्रव्य बनता है वह उसका गलनांक कहलाता है।
उदा: बफ॔ का गलनांक 273 .15K /0°C है।
संगलन( गलनांक ) की गुप्त ऊष्मा:
 वायुमंडलीय दाब पर 1kg ठोस को उसके गलनांक पर द्रव्य अवस्था भे बदलने के लिए जितनी उष्मीय ऊजा की आवश्यकता होती है,
उसे सगलंन ( पिघलने ) की गुप्त ऊष्मा कहते है।
क्वथंनाक:
जिस तापमान पर(वायुमंडलीय दाब पर) कोई द्रव्य उबलने लगता है क्वथंनाक कहलात है।
उदाः जल का क्वथंनाक 100°C
नोटः
तापमान का SI UNIT केल्विन (K) है।
अतः केल्विन से °C मे परिव॔तन के लिए हम निम्न समी. का उपयोग करेगे:
K= C + 273.15
जहा: K तापमान केल्विन मे।
C तापमान सेल्सियस मे।
प्रश्र:
यदि एल्कोहल का क्वथंनाक 78°C है तब एल्कोहल का क्वथंनाक K (केल्विन ) मे ज्ञात कीजिए?
उत्तर:
 एल्कोहल का क्वथंनाक सेल्सियस मे= 78°C
 एल्कोहल का क्वथंनाक केल्विन (K)=?
K= °C +273.15
K=78+ 273.15= 351.15 K

वाष्पीकरण (क्वथंनाक ) की गुप्त उष्मा:
वायुमंडलीय दाब पर 1kg ठोस को उसके क्वथंनाक पर वाष्प मे बदलने के लिए जितनी ऊष्मीय ऊजा की आवश्यकता होती है उसे वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा कहते है।
प्रश्र:8  बताइऐ क्या तापमान परिवत॔न करने से प्रदाथ॔ के भौतिक अवस्था मे परिवत॔न आता है।?
उत्तर: हाँ, तापमान परिवत॔न करने से पदाथ॔ की भौतिक अवस्था मे परिवत॔न आ जाता है।
    ठोस अवस्था-------> द्रव्य अवस्था ----------> गैसीय अवस्था
         ( बफ॔)                  (जल)                          (भाप)
                       (ऊष्मा प्रदान करने पर)

    ठोस अवस्था<--------- द्रव्य अवस्था< ----------गैसीय अवस्था
         ( बफ॔)                  (जल)                          (भाप)
                               (शितलता प्रदान करने पर)
प्रश्र:9  गैसो को द्रवित कैसे किया जाता है?
उत्तर: तापमान घटाकर और  दाब बढाकर गैसो को असानी से द्रवित किया जा सकता है।
गैसो को द्रवित(द्रव्य) मे -------------> दाब बढा कर+ तापमान घटाकर
        बदलना

प्रश्र:10  उध्वापातन समझाइऐ?
उत्तर: उध्वापातन: 
ऐसे पदाथ॔, जो द्रव्य अवस्था मे परिवतित हुए बिना ठोस अवस्था से सिधे गैस मेऔर पूनःगैस अवस्था से ठोस अवस्था मे बदल जाते है। इस प्रकिया को उध्वापातन कहते है।
प्रश्र:11 वाष्पीकरण को समझाइए?
उत्तर: वाष्पीकरणः
यह एक ऐसी सतही प्रकिया है जिसमे द्रव्य पदाथ॔ के कण क्वथंनाक से नीचे किसी भी तापमान पर वाष्प मे बदलने लगते है।इस प्रकिया को वाष्पीकरण कहा जाता है।
प्रश्रः12 वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले कारक की चचा कीजिए?
उत्तर:वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले कारक:

  • सतही क्षेत्रफल: सतह की क्षेत्रफल बढाने से वाष्पीकरण की दर भी बढ़ जाती है।
  • तापमान मे वृदि: तापमान बढाने से वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है। क्योकी तापमान बढाने से पदाथ॔ के कणो की गतिज ऊजा बढ़ जाती है। (note: ज्यादा तापमान, ज्यादा वाष्पीकरण)
आद॔ता: शुष्कता( आद॔ता ) बढने से वाष्पीकरण की दर घट जाती है। (note: ज्यादा आद॔ता, कम वाष्पीकरण)
प्रश्र:13 वाष्पीकरण से शीतलता कैसे प्राप्त होती है। समझाइए?
उत्तर: वाष्पीकरण प्रकिया के दौरान, लुप्त हुई ऊजा को पुनः प्राप्त करने के लिए द्रव्य के कण आस पास के वातावरण से ऊजा अवशोषित कर लेते है। इस अवशोषण के कारण वातावरण शीतल हो जाता है।
उदा: अगर हम हाथ पर ऐसीटोन( थीनर ) डालते है तो थीनर हमारे हाथ से उष्मा लेकर वाष्प मे परिवतित हो जाता है जिस कारण हमे हाथ पर शीतलता महसूस होती है।

                                   ""Radhe Radhe""
                                  ।। Bolna Padega ।।


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