Contact Form

Name

Email *

Message *

अध्याय 2. अम्ल क्षारक एवं लवण


लवण: अम्ल व क्षारक परस्पर / (एक दुसरे के साथ) अभिक्रिया कर लवण का निर्माण करते है।
  • अम्ल + क्षारक --> लवण + H2O

 उदासीनीकरण अभिक्रिया:
  •  रासायनिक अभिक्रिया जिस के दौरान अम्ल और क्षारक आपस में अभिक्रिया कर लवण व जल का निर्माण करते हैं उदासीनीकरण अभिक्रिया कहलाते हैं।                                    अम्ल + क्षारक --> लवण + H2O
  •   उदासीनीकरण अभिक्रिया के फलस्वरुप हमें लवण प्राप्त होता है

अम्लों की रासायनिक अभिक्रियाएँ:-



क्षारको की रासायनिक अभिक्रियाएँ:-








प्रश्न(1) : जलीय विलियन में अम्ल और क्षारक में होने वाले परिवर्तन की चर्चा  कीजिए?
उत्तर: जलीय विलयन में अम्ल और क्षारक वियोजित होकर क्रमशः H+ व OH- आयन प्रदान करते है।
उदाहरणः HCl ---------> H+ Cl- ( जल की उपस्थिति मे अम्ल का वियोजन )
             H2O
    H+ ------------> H3O+(हाइड्रोनियम आयन)

  • जल की उपस्थिति मे क्षार का वियोजन
Mg(OH)2 ----------> (Mg2+)  +  (OH-)

( Note:- सभी क्षारक जल में घुलनशील नहीं होते जल में घुलनशील क्षारक को "क्षार" कहा जाता है। )
Ex:- Mg(OH2), Ca(OH)2, NaOH इत्यादि।

प्रश्न(2):  जल के साथ अम्ल वह क्षारक को मिलाते समय सावधानी क्यो बरतनी चाहिए?
उत्तरः जल के साथ अम्ल व क्षारक की अभिक्रिया अत्याधिक ऊष्माक्षेपी होता है जिस कारण से मिश्रण बनाने के लिए उपयोग मे लाए जाने बाला पात्र टूट सकता है, और वह नुकसान देह है। इसलिए जल के साथ अम्ल वह क्षारक को मिलाते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
                                           अथवा
प्रश्नः क्यो  हमेशा जल में अम्ल अथवा क्षारक को मिलाना चाहिए?
उत्तर: हमें हमेशा जेल में ही अम्ल अथवा छारक को मिलाना चाहिए क्योंकि यह प्रक्रिया अत्याधिक ऊष्माक्षेपी होता है,जिस कारण से मिश्रण बनाने के लिए उपयोग मे लाए जाने बाला पात्र टूट सकता है, जो कि नुकसान देह है। इसलिए हमेसा जल मे अम्ल अथवा क्षारक को मिलाना चाहिए।

प्रश्न(3):  उदासीनीकरण अभिक्रिया को समझाइए? एवं इसके परिणाम स्वरुप निर्मित लवण की प्रकृति का उल्लेख कीजिए?
उत्तर: उदासीनीकरण अभिक्रिया:
अम्ल व क्षारक परस्पर( एक- दुसरे के साथ) अभिक्रिया करके लवण व जल का निर्माण करते हैं, उदासीनीकरण अभिक्रिया कहलाते हैं।
उदासीनीकरण अभिक्रिया के परिणाम स्वरुप निर्मित लवण की प्रकृति अम्ल व क्षारक की प्रकृति(सांद्रता) पर निर्भर करता है।
उदाहरणः 
प्रबल अम्ल + दुर्बल क्षारक ----------> प्रबल अम्ललीय लवण (7< pH )
दुर्बल अम्ल + प्रबल क्षारक ----------> प्रबल क्षारकीय लवण ( pH >7 )
प्रबल अम्ल + प्रबल क्षारक ----------> उदासीन लवण (pH =7 )
दुर्बल अम्ल + दुर्बल क्षारक -----------> उदासीन लवण (pH =7 )

पश्न(4):  pH स्केल को परिभाषित कीजिए?
उत्तरः  pH स्केल जहाँ,
p - पुसांस (शक्ति); H - हाइड्रोजन।
अतः किसी विलयन में उपस्थित H+आयन की सांद्रता ज्ञात करने के लिए विकसित किए गए स्केल को pH स्केल कहा जाता है।
(Note:- pH scale का उपयोग 0 से 14 तक के pH को ज्ञात करने के लिए किया जाता है।)

लवणों की रासायनिक अभिक्रिया
( Chemistry of Salts)

1. सोडियम हाइड्राॅक्साइड(NaOH)
सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विधुत धारा प्रवाहित करने पर सोडियम क्लोराइड का जलीय विलयन वियोजित हो कर सोडियम हाइड्राॅक्साइड बनाता है इस अभिक्रिया को क्लोरो - क्षार प्रकिया कहा जाता है।
                           विधुत धारा
  • NaCl + H20 ----------> NaOH + HCl
     ( सोडियम क्लोराइड
        का जलीय विलयन )
                                    विधुत धारा
  • 2NaOH + H20 -------------> 2NaOH + Cl2 + H2
2. विरंजक चुर्ण( Bleaching Powder / CaOCl2 )
कैल्शियम हाइड्रोआक्साइड (बुझा हुआ चूना/[Ca(OH)2] क्लोरीन गैस से अभिक्रिया कर विरंजक चुर्ण का निर्माण करता है।

  • [Ca(OH)2] + Cl2 -----------> CaOCl2 + H2O
                                 (कैल्शियम हाइपोक्लोराइड)

प्रश्न(1):  विरंजन चर्ण के उपयोग बताइऐ?
उत्तरः
  • विरंजन चुर्ण का उपयोग वस्त्र उधोग मे कपड़ो पर रंगाई के लिए किया जाता है।
  • रासायनिक उधोग मे विरंजन चुर्ण का उपयोग उपचायक के रुप मे रासायनिक पदार्थ को बचाने के लिए किया जाता है।
प्रश्न(2):  क्लोरीन के उपयोग बताइए?
उत्तर: क्लोरीन के उपयोग निम्नलिखित हैं जैसे:-
  • क्लोरीन को पानी की शुद्धता  बढ़ाने के लिए उपयोग में लाई जाती है।
  • क्लोरीन का उपयोग जल मे उपस्थित जीवाणुओ को मारने के लिए किया जाता है।
प्रश्न(3): NaOH के दैनिक उपयोग बताइऐ?
उत्तरः NaOH क्मे दैनिक उपयोग निम्नलिखित है:-
  • NaOH को साबून व कागज उधोग मे कागज निर्माण मे किया जाता है।
  • NaOH का उपयोग कारखानो मे लोहे के पुर्जो पर उपस्थित तेल व गंदगी को हटाने के लिए किया जाता है।
प्रश्न(4):  दो गैसों के नाम बताइए जिनका उपयोग विमानो मे ईंधन के रूप में किया जाता है?
उत्तरः हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन गैस का उपयोग वैज्ञानिक विमानों में ईंधन के रूप में किया जाता है।

3. बेंकिग सोडा( Baking Soda / NaHCO3 )
सोडियम क्लोराइड का जलीय विलियन कार्बन डाइऑक्साइड एवं अमोनिया से अभिक्रिया कर बेकिंग सोडा का निर्माण करता है।

  • NaCl + H2O + CO2 + NH3 ---------> NaHCO3 + NH4Cl
प्रश्न(5): बेकिंग सोडा के उपयोग बताइए?
उत्तर: बेकिंग सोडा के उपयोग निम्नलिखित है जैसे:-

  • बेकिंग सोडा को एंटासिड मे अवयव के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • बेकिंग सोडा का उपयोग खाने को जल्दी पकाने के लिए किया जाता है।
  • बेकिंग सोडा का उपयोग ब्रेड पकोड़ो को खस्ता बनाने के लिए किया जाता है।
  • बेकिंग सोडा का उपयोग अग्निशामक यंत्र में आग बुझाने के लिए किया जाता है।
4. वाशिंग सोडा अथवा धोने का सोडा:
( Na2CO3. 10H2O )
बेकिंग सोडा को गर्म करने पर यह अपने जल व कार्बन डाइऑक्साइड के अणुओ को त्याग कर सोडियम कार्बोनेट का निर्माण करता है, सोडियम कार्बोनेट का 10 जल के अणुओ के साथ अभिक्रिया कर वाशिंग सोडा का निर्माण करता है।
                          ऊष्मा

  • 2NaHCO3 -------------> Na2CO3 + H20 + CO2
  • Na2CO3 + 10 H2O -------> Na2CO3.10H2O
                                                 (वाशिंग सोडा)
प्रश्न(6): वाशिंग सोडा का दैनिक उपयोग बताइए?
उत्तर: वाशिंग सोडा का दैनिक उपयोग निम्नलिखित है जैसे:-

  • वाशिंग सोडा का उपयोग कांच उद्योग में कांचो की सफाई के लिए की जाती है।
  • वॉशिंग सोडा का उपयोग जल की कठोरता को खत्म करने के लिए की जाती है। 
  • वाशिंग सोडा का उपयोग घरो मे साफ - सफाई के लिए की जाती है।

5. प्लास्टर ऑफ पेरिस:
जिप्सम को 373K पर गर्म करने पर यह अपने जल के अणुओं को त्याग कर कैल्शियम सल्फेट अर्धहाइड्रेट/ कैल्शियम सल्फेट हेमिहाइड्रेट का निर्माण करता है।
  • इसे प्रायः प्लास्टर आॅफ पेरिस भी कहा जाता है।
                        ऊष्मा(373K)
CaSO4.2H2O ----------> CaSO4.1/2H2O + 3/2 H2O
  (जिप्सम)

प्रश्न(7): प्लास्टर ऑफ पेरिस के उपयोग बताइए?
उत्तरः प्लास्टर ऑफ पेरिस के उपयोग निम्नलिखित है जैसे:-

  • प्लास्टर ऑफ पेरिस(POP) का उपयोग डॉक्टरों के द्वारा टूटी हुई हड्डियों को पुनःअपने स्थान पर व्यवस्थित करने के लिए किया जाता है।
  • प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग खेल खिलौना एवं सजावट इत्यादि के समान को बनाने में किया जाता है।
  • POP का  उपयोग खुरदरे सतह को मुलायम बनाने के लिए किया जाता है।
प्रश्न(8): क्रिस्टलीकरण / क्रिस्टलन  के जल से क्या अभिप्राय है?
उत्तरः किसी लवण के एक सूत्र इकाई में उपस्थित जल के अणुओ कि कुल संख्या को क्रिस्टलीकरण /  क्रिस्टलन का जल कहा जाता है।
उदाहरणः CuSO4 .5H2O  यहाँ, क्रिस्टलन का  जल  5 है।
 Na2CO3.10H2O यहाँ, क्रिस्टलन का जल 10 है।



To download click here





  •                          refrence taken from Ncert book only...

Hey Dear learner also comment your suggestion on my Gmail either on my facebook page. as given below:
Email:-
             murari9810658298@gmail.com
             kumarghanshyam640@gmail.com
Support my Facebook pageAsm a place of free education & knowledge.

            Every morning we have two choices:
            1. Continue to sleep with dreams.
                        Or
            2. wake up & chase your dreams.
                          the choice is ours¡
                                 What we do....
                                               ।। Radhe Radhe🙏🏻🙏🏻 ।।



0 Your suggestion:

Post a Comment