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अध्याय 1. रासायनिक अभिक्रिया एवं समीकरण
By:- Ghanshyam kr. Chaudhary
प्रश्न(1): रासायनिक अभिक्रिया एवं इसके प्रकार की उदाहरण सहित विवेचना करिए?
उत्तर: रासायनिक अभिक्रिया:
"दो या दो से अधिक पदार्थ आपस में अभिक्रिया करके एक नए पदार्थ का निर्माण करते हैं, रासायनिक अभिक्रिया कहलाते हैं।"
A + B ---------> AB
जहाँ,
A व B : अभिकारक
AB : उत्पाद
रासायनिक अभिक्रिया के प्रकार:-
रासायनिक अभिक्रिया निम्नलिखित प्रकार के होते हैं:-
- संयोजन अभिक्रिया
- वियोजन अभिक्रिया
- विस्थापन अभिक्रिया
- द्विविस्थापन अभिक्रिया
- उपचयन अपचयन ( रेडॉक्स अभिक्रिया )
1. संयोजन अभिक्रिया
रासायनिक अभिक्रिया जिसके दौरान दो या दो से अधिक पदार्थ आपस में जुड़कर / मिलकर / अभिकृत/ होकर कर एक नए पदार्थ का निर्माण करते है, संयोजन अभिक्रिया कहलाते हैं।
उदाहरणः 2H2 + O2 ---------> 2H2O
C + O2 ---------> CO2
2. वियोजन अभिक्रिया
रसायनिक अभिक्रिया जिसके दौरान एक एकल पदार्थ टूट कर दो या दो से अधिक पदार्थ का निर्माण करते हैं वियोजन अभिक्रिया कहलाते हैं।
उदाहरणः उष्मा
CO2 --------> C + O2
उष्मा
2H20 -------> 2H2 + O2
3. विस्थापन अभिक्रिया
रसायनिक अभिक्रिया जिसके दौरान एक अधिक अभिक्रियाशील तत्व (पदार्थ) अपने से कम अभिक्रियाशील तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है विस्थापन अभिक्रिया कहलाता है।
उदाहरण: Fe + CuSO4 --------> FeSO4 + Cu
Zn + CuSO4 ---------> ZnSO4 + Cu
4. द्विविस्थापन अभिक्रिया
रसायनिक अभिक्रिया जिसके दौरान तत्वो / पदार्थों के यौगिकों के बिच आयनो का आदान-प्रदान होता है, द्विविस्थापन अभिक्रिया कहलाता है।
उदाहरण: Na2SO4 + BaCl2 ---------> BaSO4 + 2NaCl
5. उपचयन एवं अपचयन (रेडॉक्स अभिक्रिया
रसायनिक अभिक्रिया जिसके दौरान एक पदार्थ उपचयित (अर्थात ऑक्सीजन O2 की वृद्धि) एवं दूसरा पदार्थ अपचयित (अर्थात आक्सीजन O2 की कमी/ ह्रास होता है) रेडाॅक्स अभिक्रिया कहलाता है।
____उपचयन______
| |
उदाहरण: CuO + H2 -------> Cu + H20
|____अपचयन______|
उपचयन: किसी पदार्थ में ऑक्सीजन की वृद्धि को उपचयन कहा जाता है।
अपचयन: किसी पदार्थ में ऑक्सीजन की कमी / ह्रास को अपचयन कहा जाता है।
प्रश्न(2) : उपचयन एवं अपचयन को परिभाषित कीजिए। एवं दैनिक जीवन में उपचयन एवं अपचयन (रेडॉक्स अभिक्रिया) के प्रभाव बताइए ?
उत्तर: उपचयन एवं अपचयन ( रेडॉक्स अभिक्रिया ) की परिभाषा : Qus. No. 1, (V) Point.
# हमारे दैनिक जीवन में उपचयन एवं अपचयन का प्रभाव :
1 संक्षारण:
जब कोई धातु आद्रता (नमी) अम्ल व क्षार के संपर्क में आती है, तब धातुओं के ऊपर एक परत जम जाती है जिसके फलस्वरुप धातु की ऊपरी परत कमजोर होकर टूट जाता है संक्षारण कहलाता है।
उदाहरणः लोहे पर भूरे रंग की परत चढ़ना ।
2 विकृतगंधिता:
वसायुक्त और तैलीय खाध सामग्री वायु के संपर्क में आने पर उपचयित हो जाते हैं जिसके फलस्वरुप उनके स्वाद एवं उनके रूप रंग में परिवर्तन आ जाता है इस परिवत॔न को विकृतगंधिता कहा जाता है।
प्रश्न(3) : संचारण को समझाइए। एवं इससे बचने के उपाय का उल्लेख कीजिए?
उत्तर : संक्षारण जब कोई धातु अम्ल आद्रता(नमी) व क्षार के संपर्क में आती है तब धातुओं के ऊपर एक परत चढ़ जाती जिसके परिणामस्वरुप धातु कमजोर होकर टूट जाते है उपरोक्त अभिक्रिया को संक्षारण कहा जाता है।
उदाहरण:
- लोहे की वस्तुओं पर भूरे रंग की परत चढ़ना।
- चांदी के ऊपर काली परत का चढ़ना।
- तांबे के बत॔ण का हरा हो जाना संक्षारण के उदाहरण है।
संक्षारण से निवारण:
- यशदलेपन ( तेल इत्यादि के उपयोग द्वारा)
- विद्युत लेपन
- पेंट करके संक्षारण से धातुओ को बचाया जा सकता है।
प्रश्न(4) : विकृतगंधिता को परिभाषित कीजिए। एवं इससे से बचाव के निम्न कारणों का उल्लेख कीजिए ?
उत्तर : विकृतगंधिता को परिभाषा : refer Qus.No. 2(ii) point.
# विकृतगंधिता से बचने के उपाय:
1. प्रति ऑक्सीकारक का उपयोग करके।
उदाहरणः सोडियम बेंजोएट बेंजीन इत्यादि।
2. वायु रोधी बर्तनों में खाद सामग्री रखकर।
3. वायु के स्थान पर नाइट्रोजन गैस का उपयोग कर।
उदाहरण: चिप्स इत्यादि के पैकेट में नाइट्रोजन गैस का उपयोग उन्हें विकृतगंधिता से बचाने के लिए की जाती है।
4.खाद्य पदाथ॔ को शीतलता प्रदान करके।
प्रश्न(5) : ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया एंव उष्माशोषी अभिक्रिया में अंतर स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया:
- रसायनिक अभिक्रिया जिसके दौरान पदार्थ के निर्माण के साथ-साथ ऊष्मा का प्रार्दुभाव (उत्पन्न) होता है, ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहलाता है।
- ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया के दौरान पदार्थ के निर्माण के साथ-साथ उष्मा का निर्माण होता है।
- सभी संयोजन अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया के उदाहरण है जैसे:
2H2 + O2 -------> 2H2O + ऊष्मा
ऊष्माशोषी अभिक्रिया:
- रासायनिक अभिक्रिया जिसके दौरान पदार्थ के निर्माण के साथ-साथ उष्मा का शोषण (उपयोग) की जाती है, ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहलाती है।
- ( Note:- इस प्रकार के रसायनिक अभिक्रियाओ को संपन्न करने के लिए ऊष्मा बाह्य रूप से प्रदान की जाती है। अतः पदार्थ के निर्माण हेतु उष्मा की आवश्यकता होती है)
- सभी वियोजन अभिक्रिया ऊष्माशोषी अभिक्रिया के उदाहरण है जैसे कि:
CO2 ---------> C + O2
प्रश्न(6) : वियोजन अभिक्रिया को परिभाषित कीजिए। एवं इसके प्रत्येक प्रकारों को उदाहरण सहित समझाइए ?
उत्तर : वियोजन अभिक्रिया:
रसायनिक अभिक्रिया जिसके दौरान एक एकल पदार्थ टूट कर में (वियोग कर, अलग अलग होकर ) दो या दो से अधिक पदार्थ का निर्माण करते हैं, वियोजन अभिक्रिया कहलाते हैं।
- वियोजन अभिक्रिया को संपन्न करने के लिए उष्मा की आवश्यकता होती है अतः इसे ऊष्माशोषी अभिक्रिया भी कहा जाता है।
वियोजन अभिक्रिया के प्रकारः
1 प्रकाशीय वियोजन( Photolytic decomposition)
- सूर्य की उपस्थिति में होने वाला वियोजन को प्रकाशीय वियोजन कहा जाता है।
- इस प्रकार की वियोजन अभिक्रिया के लिए सूर्य से मिलने वाली पराबैंगनी किरणो (U.V. rays) की आवश्यकता होती है।
उदाहरणः
UV rays सूय॔ का प्रकाश
2AgCl -----------> 2Ag + Cl2
UV rays सूय॔ का प्रकाश
2AgBr ------------> 2Ag + Br2
2 उष्मीय वियोजन( Thermal decomposition)
- उष्मा द्वारा होने वाले वियोजन को उष्मीय अभियोजन कहा जाता है।
Heat
उदाहरणः 2FeSO4 -------------> Fe2O3 + SO2 + SO3
Heat
CaCO3 --------------> Cao + CO2
3 विद्युत वियोजन( Electrolysis/ Electrical decomposition)
- विद्युत द्वारा होने वाले वियोजन को विद्युत वियोजन कहा जाता है।
- ( Note :- जल का विद्युत वियोजन होने पर ऑक्सीजन और हाइड्रोजन गैस का निर्माण होता है।)
1. किसी रासायनिक अभिक्रिया के दौरान हुए परिवर्तनों को चिन्हित कीजिए?
किसी रासायनिक अभिक्रिया के दौरान निम्नलिखित परिवर्तन चिन्हित किए / देखे जा सकते हैं जैसे कि:-
1.अवस्था में परिवर्तन,
Ex. कपूर का दहन कोयले का दहन इत्यादि।
2. रंगों में परिवर्तन,
Ex. लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलियन में रखने पर विलियन के रंग में परिवत॔न।
3.गैसों का निकास अथवा उत्सर्जन,
Ex.कोयले के दहन करने पर कार्बन डाइऑक्साइड की उत्पत्ति।
4.तापमान में परिवर्तन इत्यादि
किसी असंतुलित रासायनिक समीकरण को संतुलित रासायनिक समीकरण में बदलने / परिवत॔न करने के चरण:
रासायनिक समीकरण:
किसी शब्द रसायनिक अभिक्रिया को उनके तत्वों के प्रतीक के रूप में लिखने / दर्शाने को रसायनिक समीकरण कहा जाता है।
उदाहरण: कार्बन व ऑक्सीजन आपस में अभिक्रिया कर कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण करते हैं।
C + O2 --------> CO2
चरणः
1: किसी असंतुलित रासायनिक समीकरण को संतुलित रासायनिक समीकरण में बदलने के लिए सर्वप्रथम दिए गए शब्द रसायनिक समीकरण को उनके तत्वों के प्रतीक के रूप में लिखा जाता है।
Ex. मैग्नीशियम + आॅक्सीजन --------> मैग्नीशियमआॅक्साइड
Mg + O2 ---------> MgO
2. दिए गए रासायनिक अभिक्रिया में दाएं एवं बाई और उपस्थित तत्वों की गणना करना।
3. तत्वों की गणना करने के बाद द्रव्यमान संरक्षण के नियम को सत्यापित करने के लिए दाएं एवं बाएं और प्रत्येक तत्व को एक सामान बनाना।
Ex. Mg + O2 ---------> MgO
2Mg + O2 ----------> 2MgO
4. तत्वों को संतुलित करने के बाद उन्हें उनकी भौतिक अवस्था के रूप में लिखना / निरुपित करणा:
जैसे कि:-
ठोस- (S)
द्रव्य- (l)
विलयन- (aq)
गैस- (g).
For ex. 2Mg(s) + O2(g) -------> 2MgO(s)
If you complete understood the consept then Done the Excercise Question No.5,6,7& 8 Given in your NCERT BOOK at 17 page No.
refrence taken from Ncert book only...
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।। Radhe Radhe🙏🏻🙏🏻 ।।
Very good article
ReplyDeleteaccha hai
ReplyDeleteIt's very helpful 😌
ReplyDeleteVery nice 👌👌 sir
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